मन करता है की लम्बी छुट्टियां लूँ।
घर जाकर....
धूप की सेंक में मूंगफलियां खाऊं....
फीकी चाय को गुड़ के ढेले के साथ चुस्कियां ले ले कर पिऊ....
कुछ बातों की हवाबाजियां मारुं....
कुछ आते जाते बंदरो को चिढ़ाऊ, उनके मुझ पर गुर्राने पर मम्मी मम्मी चिल्लाऊं....
स्कूल से वापस आते बच्चों को देख, मन ही मन इतराऊं....
पर अब ना तो वो लम्बी छुट्टिया मिलती हैं
ना धूप की प्यारी सेंक
जमा सा दिया है इन चाहरदिवारियों ने, अंदर से और बाहर से
इस ठंड मे, काम काज की गर्मी भी ठंडी मालूम होती है
बस यही सोचता रहता हूँ
कि काश लम्बी छुट्टियां लूँ और धूप की सेंक ..
स्कूल से वापस आते बच्चों को देख, मन ही मन इतराऊं....
पर अब ना तो वो लम्बी छुट्टिया मिलती हैं
ना धूप की प्यारी सेंक
जमा सा दिया है इन चाहरदिवारियों ने, अंदर से और बाहर से
इस ठंड मे, काम काज की गर्मी भी ठंडी मालूम होती है
बस यही सोचता रहता हूँ
कि काश लम्बी छुट्टियां लूँ और धूप की सेंक ..
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