Sunday, 27 August 2017

Sensible hindi two liners: PART 1


होशियारी का कोई आलम तो देखे,
कि साफ़ दिल और साफ़ मुस्कान को बचपना कह गए.



मैं हूँ इक भटका इंसान.
वर्तमान की खुशियों को नज़रअंदाज़ करता हुआ
और भविष्य की खुशियों के पीछे भागता हुआ.

मैं= मनुष्य 





रास्ते हैं कई पर मंज़िल है एक.
जीता वही जो भटका नहीं.




नकल नहीं, सृजन करिये.



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