Friday 9 February 2018

एक अकेली आवाज़


कभी सुनी है आपने  हज़ारो की भीड़ मे वो एक अकेली आवाज़ .....


-  राशन की लम्बी कतार मे खड़े कंफ्यूज ग्राहक, इस दुबिधा मे की उनको सामान मिलेगा की नहीं, मूक दुकानदार के mixed expressions को पड़ने की कोशिश करते हुए और तभी जो आवाज पूछ बैठती है "भैया सामान मिलेगा कि  नहीं" ...  I appreciate that courage.


- किसी ऑनलाइन वेबसाइट की भारी गलती पर वो एक आवाज जो उन्हें बिना किसी सेल्फ motive के लोगों को aware बनाती है ,...  I appreciate that courage.


- ऑनलाइन trolls और गालियों के बीच मे, सभी को दरकिनार करते हुए एक वो आवाज़ जो ऑनलाइन मीडिया के bright साइड दिखा जाती है ...  I appreciate that courage.


- कभी देखा है, गाड़ियों का जाम, घंटो तक और एक दूसरे का मुँह ताकते लोग, एक वो आवाज जो जानना चाहती है "भाई दिक्कत क्या हैं" . ...  I appreciate that courage.


कितना दब गए है  हम, हैं न ! कि  सवाल करना ही छोड़ दिया है, पर यूँ ही घूमते फिरते एक आवाज सुनाई दे
 जाती है "भैया मसला  क्या चल  रहा" और  मन ही मन मैं  कहती हूं  "I am proud of you".




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